फर्जी नौकरी घोटाला: पुलिस ने 1 करोड़ से अधिक ठगी करने वाले गिरोह का किया खुलासा

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बेरोजगारों से ठगी:
बिलासपुर पुलिस ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 26 बेरोजगार युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी का झांसा देकर उनसे एक करोड़ रुपए से अधिक वसूले और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए। यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां चार बेरोजगारों की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की।

गिरफ्तारी और बरामदगी:
पुलिस ने सीएसपी निमितेश सिंह के नेतृत्व में रातभर अभियान चलाकर कपिल गोस्वामी (अकलतरा), तथाकथित पत्रकार गुरु शंकर दिव्य (जैजैपुर), राजेंद्र फलांगे (जैजैपुर), और फर्जी नियुक्ति पत्र छापने वाले पुरुषोत्तम तिवारी (उसलापुर) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 13 लाख रुपए नकद, फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी सेवा पुस्तिका, सात मोबाइल फोन, एक इनोवा कार, और बैंक खातों में तीन लाख रुपए जब्त किए हैं।

आरोपियों का नेटवर्क:
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, सक्ती, रायपुर, और बलौदा बाजार जिलों के 25-30 युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगा। पुलिस इन पीड़ितों से संपर्क कर रही है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

पुलिस की सख्त अपील:
बिलासपुर पुलिस ने आम जनता को आगाह किया है कि वे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगने वालों से सतर्क रहें। किसी भी प्रकार के संदेहजनक प्रस्ताव की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

सामाजिक संदेश:
यह मामला समाज में बढ़ती बेरोजगारी और फर्जीवाड़े के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करता है। युवाओं को चाहिए कि वे नौकरी के लिए केवल अधिकृत और वैध माध्यमों पर भरोसा करें। सरकारी नियुक्तियों से संबंधित किसी भी जानकारी को सत्यापित करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट और प्रामाणिक स्रोतों की मदद लें। समाज को इस तरह के गिरोहों से सतर्क रहना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।

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