प्रदेश में 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान के बीच अव्यवस्था और किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस ने आवाज उठाई है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी तिफरा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है।
धान खरीदी केंद्रों पर फैली अव्यवस्था
कांग्रेस नेताओं ने 3 दिसंबर को “धान खरीदी केंद्र चलो” अभियान के तहत विभिन्न केंद्रों का दौरा किया और किसानों की समस्याओं को करीब से देखा। उनकी प्रमुख शिकायतें इस प्रकार हैं:
बारदाने की कमी: सरकार की ओर से पुरानी और नई बारदाने के मिश्रण का प्रावधान किया गया, लेकिन पुराने बारदाने न केवल केंद्रों तक पहुंचे ही नहीं, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी खराब है।
टोकन व्यवस्था: टोकन मिलने में देरी और धान बेचने में 7-15 दिन का इंतजार किसानों को परेशान कर रहा है।
तौल में गड़बड़ी: इलेक्ट्रॉनिक कांटों पर 1.5 से 2.5 किलोग्राम अधिक वजन तौला जा रहा है।
जगह की कमी: धान का उठाव नहीं होने से सोसायटियों में जगह की समस्या उत्पन्न हो रही है।
अन्य समस्याएं और मांगें
किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है।
समर्थन मूल्य का वादा पूरा न होने पर नाराजगी। कांग्रेस ने समर्थन मूल्य को बढ़ाकर ₹3217 करने की मांग की है।
बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा।
पिछले वर्ष के सूखत भुगतान की राशि भी अब तक बकाया है।
कांग्रेस ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे राज्य सरकार को इस अव्यवस्था को दूर करने और किसानों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दें।
हम लगातार इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें।