सीआईएसएफ ने हवाई अड्डों पर विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण इकाई स्थापित की

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भारत में विमानन सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने देशभर के 68 हवाई अड्डों पर तैनात विमानन सुरक्षा समूह (एएसजी) के लिए एक आंतरिक गुणवत्ता नियंत्रण इकाई (आईक्यूसीयू) की स्थापना की है।

यह इकाई विश्व स्तरीय सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह पहल नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन सुरक्षा गुणवत्ता नियंत्रण कार्यक्रम-2024 और विमानन सुरक्षा नियम-2023 के तहत की गई है।

इस परियोजना का इतिहास:

सीआईएसएफ की यह पहल विमानन सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए शुरू की गई थी। 2000 के दशक के मध्य में जब विमानन क्षेत्र में वृद्धि हुई, तो सुरक्षा जोखिमों का भी सामना करना पड़ा। इन जोखिमों के मद्देनजर, 2004 में सीआईएसएफ को भारतीय हवाई अड्डों पर विमानन सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तब से सीआईएसएफ ने सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत किया, लेकिन समय के साथ नई तकनीकी चुनौतियाँ और उच्च मानक की आवश्यकता महसूस हुई।

जुलाई 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (एएससीसी) का उद्घाटन किया गया, और अब इस केंद्र में एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में आईक्यूसीयू की स्थापना की गई है। यह कदम भारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा मानकों को और भी अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है, और यह सीआईएसएफ द्वारा सुनिश्चित की जा रही विश्व स्तरीय सुरक्षा की दिशा में एक अहम पहल है।

आईक्यूसीयू, विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (एएससीसी) का हिस्सा होगा, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जुलाई 2023 में किया था। यह इकाई सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने और भारतीय हवाई अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य उन्नत घटकों के साथ मिलकर कार्य करेगी।

सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रमाणित विमानन सुरक्षा प्रशिक्षकों की अगुआई में, आईक्यूसीयू निम्नलिखित जिम्मेदारियां निभाएगा:

सुरक्षा प्रक्रियाओं का मानकीकरण और सभी हवाई अड्डों पर एकरूपता सुनिश्चित करना।

नई तकनीकों की सिफारिश करना और क्षेत्रीय परीक्षणों के आधार पर उनका कार्यान्वयन करना।

सुरक्षा संचालन का मूल्यांकन करने के लिए आंतरिक निरीक्षण और लेखा परीक्षा करना।

सुरक्षा प्रोटोकॉल की निगरानी, अद्यतन करना और अनुपालन सुनिश्चित करना।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर फीडबैक एकत्र करना और सुधारात्मक उपायों का विश्लेषण करना।


यह पहल सीआईएसएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो विमानन सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने, जोखिम कम करने और सुरक्षा कार्यों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।

रिपोर्ट: दीपक वर्मा, उप महानिरीक्षक (सूचना), सीआईएसएफ

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