बिलासपुर 07/12/2024 : सिंधी युवक समिति द्वारा आयोजित थैलेसीमिया नि:शुल्क जांच एवं रक्तदान शिविर में 300 से अधिक लोगों ने लाभ उठाया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और अन्य प्रमुख अतिथियों ने बढ़ाई जागरूकता।
“थैलेसीमिया—a silent yet critical health concern affecting thousands across India. बिलासपुर में सिंधी युवक समिति ने समाजसेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए थैलेसीमिया जांच एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम में न केवल समाज को जागरूक किया गया, बल्कि 300 से अधिक लोगों ने इसका सीधा लाभ भी उठाया।”
शनिवार, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक, बिलासपुर के व्यापार विहार स्थित कैलाश मार्केटिंग में यह शिविर आयोजित किया गया। इसे स्वर्गीय श्रीमती माया देवी मलघानी की स्मृति में उनके पुत्र कैलाश मलघानी और परिवार ने सिंधी युवक समिति के तत्वावधान में आयोजित किया।
कार्यक्रम के तहत 5 से 50 वर्ष तक के व्यक्तियों के लिए थैलेसीमिया की निशुल्क जांच की गई। आमतौर पर 1500-2000 रुपये तक की इस जांच को मुफ्त में प्रदान किया गया। इसके साथ ही, थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों के लिए रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। रक्तदाताओं को हेलमेट देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि तोखन साहू (केंद्रीय मंत्री):
“थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जांच और जागरूकता बेहद जरूरी है। इस तरह के आयोजन समाज को जोड़ते हैं और एक स्वस्थ भारत की ओर कदम बढ़ाते हैं। सिंधी युवक समिति ने इस पहल से न केवल समाज की जिम्मेदारी निभाई है, बल्कि थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों की सहायता करके मानवता की मिसाल पेश की है। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। मैं सभी से अपील करता हूं कि ऐसे आयोजनों में अधिक से अधिक भाग लें और समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाएं।”
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विशेष अतिथियों का संबोधन:
डा. नरेश तोलानी (नोतानी सेवा संकल्प, मुंबई):
“थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता के अभाव में यह बीमारी पीढ़ियों तक फैलती रहती है। विवाह पूर्व और गर्भावस्था के दौरान थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य होनी चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों से समाज को इस दिशा में जागरूक किया जा सकता है।”
अजय भीमनानी (पूज्य सिंधी सेंट्रल युवा विंग के अध्यक्ष):
“युवाओं को आगे आकर रक्तदान में भाग लेना चाहिए। यह न केवल जरूरतमंदों की जान बचाता है, बल्कि रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।”
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आयोजन में शामिल प्रमुख हस्तियां:
1. मनीष लाहोरानी (सिंधी युवक समिति के अध्यक्ष)
2. कैलाश मलघानी (सिंधी युवक समिति के संरक्षक)
3. विनोद मेघानी (मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष)
4. सुरेश सिदारा (पूज्य सिंधी बिरादरी पंचायत के अध्यक्ष)
5. संजय मतलानी (स्वास्थ्य मंत्री, सिंधी युवक समिति)
“अब जानते हैं थैलेसीमिया के बारे में।”
थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता। इसके परिणामस्वरूप, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और रोगी को बार-बार खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
फैक्ट्स एंड फिगर्स:
हर साल 10,000-12,000 बच्चे भारत में थैलेसीमिया मेजर के साथ पैदा होते हैं।
भारत की लगभग 10% जनसंख्या थैलेसीमिया के वाहक हैं।
शादी से पहले और गर्भावस्था के दौरान जांच से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।
भारत में थैलेसीमिया मेजर के रोगियों को हर 2-4 सप्ताह में रक्त चढ़ाने की जरूरत होती है।
“रक्तदान न केवल दूसरों के जीवन को बचाता है, बल्कि दाता के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।”
फायदे:
1. आयरन लेवल बैलेंस: रक्तदान से आयरन का स्तर संतुलित रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
2. नई कोशिकाओं का निर्माण: रक्तदान के बाद शरीर नई रक्त कोशिकाएं बनाता है, जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है।
3. जीवन बचाने का अवसर: एक यूनिट रक्तदान तीन लोगों की जान बचा सकता है।
4. मनोवैज्ञानिक लाभ: दूसरों की मदद करने से मानसिक संतुष्टि और खुशी मिलती है।
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कार्यक्रम का समर्थन करने वाले संगठन:
1. मर्चेंट एसोसिएशन व्यापार विहार
2. पूज्य सिंधी बिरादरी समाज
3. शाहेदा फाउंडेशन
4. ख्वाब वेलफेयर फाउंडेशन
5. थायरोकेयर टीम बिलासपुर
6. हॉर्नविल टीवी (नेशनल न्यूज़ चैनल)
7. हिंदी टाइम्स (ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल)
“सिंधी युवक समिति की यह पहल समाज को एकजुट करने और थैलेसीमिया मुक्त समाज की दिशा में बड़ा कदम है। यह हमें याद दिलाता है कि एक छोटी सी कोशिश कितने जीवन बदल सकती है।”