छत्तीसगढ़: DMF घोटाले में ईडी का शिकंजा, रफीक मेमन और रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी

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छत्तीसगढ़: DMF घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, रफीक मेमन और रिश्तेदारों के घरों पर छापेमारी

रायपुर।
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रायपुर और गरियाबंद के कई स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई चावल कारोबारी रफीक मेमन और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर की गई। मामला बहुचर्चित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाले से जुड़ा है।

कार्रवाई का केंद्र

ईडी की टीम ने रायपुर के मौदहापारा इलाके में स्थित रफीक मेमन के घर पर दबिश दी। साथ ही गरियाबंद जिले के मैनपुर इलाके में इकबाल मेमन और उनके बेटे गुलाम मेमन के घरों पर भी छापेमारी की गई। सूत्रों के अनुसार, गुलाम मेमन का नाम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और शराब घोटाले में जेल में बंद अनवर ढेबर से जुड़ाव के चलते जांच के दायरे में आया है।

शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई

मामले की शुरुआत स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत से हुई थी। आरोप है कि मेमन परिवार ने डीएमएफ फंड के दुरुपयोग में अपनी भागीदारी निभाई और इसका लाभ उठाया। शिकायत में यह भी बताया गया कि उन्हें कांग्रेस शासन के दौरान बड़े राजनीतिक संरक्षण का फायदा मिला।

ईडी की दबिश और संभावित कनेक्शन

सूत्रों का कहना है कि गुलाम मेमन, एजाज ढेबर के मौसेरे भाई हैं। मेमन परिवार पर सत्ता का दुरुपयोग कर घोटाले को अंजाम देने के आरोप हैं। इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है।

प्रारंभिक जानकारी और दस्तावेजों की जांच

ईडी की टीम ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, और अन्य सामग्रियां जब्त की हैं। यह सभी साक्ष्य डीएमएफ घोटाले और अन्य अवैध गतिविधियों से जुड़े हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन दस्तावेजों का विश्लेषण जारी है और कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।

आधिकारिक बयान का इंतजार

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक ईडी या अन्य संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

राजनीतिक और प्रशासनिक खलबली

इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्ष ने सत्ताधारी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए घोटालों को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।

क्या है DMF घोटाला?

डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) खनिजों के उत्खनन से होने वाले राजस्व का एक हिस्सा है, जो जिले के विकास और खनन प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन, आरोप है कि इस फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया है।

आगे की जांच जारी

ईडी की इस कार्रवाई से जुड़े अन्य स्थानों और व्यक्तियों की जांच की जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में और किन-किन नामों का खुलासा होता है और छत्तीसगढ़ में इस मामले का राजनीतिक असर क्या होगा।

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